Ganesh Chaturthi | गणेश चतुर्थी - गणपति बप्पा की घर में स्थापना | कब और कैसे करें गणेश मूर्ति स्थापना

कब करें गणेश जी को स्थापित

इस वर्ष गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) का पर्व दिनांक 31 अगस्त, 2022 से शुरु हो रहा है। भाद्रपद मास के शुक्‍ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को देशभर में गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) का त्यौहार मनाया जाता है। अनंत चतुर्दशी तक बडे़ उत्साह से बप्पा का उत्सव मनाया जाता है। देश भर में भक्‍तजन गणपति बप्‍पा के आगमन पर उनका से स्‍वागत करते हैं किन्तु महाराष्ट्र (Maharashtra) में बडी़ धूम-धाम से गणेश चतुर्थी मनाई जाती है और अगले बरस जल्‍दी आने की प्रार्थना करते हैं।

श्री गणेश जी - गणेश चतुर्थी

गणेश जी का विशेष महत्व

गणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है। मान्यता है कि इन दस दिनों में जो सच्ची श्रृद्धा से बप्‍पा की उपासना करता है उसके सारे विघ्न बप्पा हर लेते हैं। गौरी पुत्र गजानन को की स्थापना शुभ मुहूर्त में करने से सुख-समृद्धि की आती है। भगवान श्री गणेश जी को वुद्धि - समृद्धि और अच्‍छे भाग्‍य का देवता माना जाता है और उनकी कृपा से हम सभी के जीवन में शुभ-लाभ और समृद्धि की प्राप्ति होती है। भगवान गणेश, सर्वशक्तिमान देवता माने जाते हैं। हर धार्मिक उत्‍सव और समारोह की शुरुआत भगवान गणेश जी की पूजा से ही शुरू होती है। गणेश भगवान का रूप, मनुष्‍य और जानवर के अंग से मिलकर बना हुआ है। जो कि गहरे आध्‍यात्मिक महत्‍व को दर्शाता है।

भगवान गणेश को सभी अच्‍छे गुणों और अपार सफलताओं का देवता माना जाता है इसीलिए लोग हर अच्‍छे काम को करने से पहले गणेश जी की पूजा करना शुभ मानते हैं। भगवान गणेश के जन्‍मदिन को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। 


क्यों मनाते हैं गणेश चतुर्थी? 

हिंदू धर्म के लोग, आध्‍यात्मिक शक्ति के लिए, कार्य सिद्धि के लिए और लाभ प्राप्ति के लिए भगवान गणेश का पूजन धूमधाम से करते हैं। भगवान गणेश को सभी दुखों का हर्ता, संकट दूर करने वाला, सदबुद्धि देने वाला माना जाता है। किसी भी समारोह, उत्‍सव या अनुष्‍ठान में भगवान गणेश की पूजा सबसे पहले क्‍यों की जाती है। हिंदू धर्म के सभी अनुयायियों का मानना है कि किसी भी नए काम को शुरू करते समय भगवान गणेश का पूजन करने से उसमें कोई बाधा नहीं आती है। ऐसा माना जाता है कि अगर आपकी सफलता के रास्‍ते में कोई बाधा आती है तो भगवान गणेश की पूजा करने से दूर हो जाती है। इसलिए किसी भी शुभ कार्य को आरंभ करने से पहले गणपति जी की पूजा की जाती है।



गणेश चतुर्थी - मुर्ति स्थापना

कैसे करें गणेश मूर्ति स्थापना, आइये जानते हैं।

सर्वप्रथम घर के सभी सदस्य जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर घर के पूजा स्थान अथवा घर के उस स्थान पर जहां आपने गणेश मूर्ति स्थापना का विचार किया है को शुद्ध करें और वहां एक चौकी लगा दे। 
पूजा सामग्री इत्यादि जो भी आप ले आए हैं उसे एक थाल में सजा ले तथा शुद्ध घी का दीपक तैयार कर लें, आप चौमुखी दीपक भी ले सकते हैं 
अब सबसे पहले चौकी पर गंगाजल छिड़कें और इसे शुद्ध कर लें।
इसके बाद चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाए और उस पर रोली अथवा चंदन से सातिया चिन्ह बनाएं और उस पर अक्षत रखें। 
अब भगवान श्री गणेश जी की मूर्ति को चौकी पर स्थापित कर जल से स्नान कराएं और गंगाजल छिड़कें।
अब श्री गणेशजी को अक्षत चंदन से सुशोभित करें। 
बप्पा के दोनों ओर रिद्धि-सिद्धि के रूप में एक-एक सुपारी रखें तथा दाईं ओर जल से भरा कलश रखें।
हाथ में अक्षत और फूल लेकर गणपति बप्पा का ध्यान करें। 
मध्यम स्वर में गणेश जी के मंत्र 'ऊं गं गणपतये नम:' का जाप करें। अब आप दीपक को जलाकर श्री गणेश जी को दिखाएं।

अब आप गणेश जी की आरती वंदना, पाठ, इत्यादि करें और उनसे वुद्धि समृद्धि और संतुष्टि का आशीर्वाद मांगे।


इसी के साथ प्रेम से बोलिए गणपति बप्पा की जय 
मोरया रे बप्पा मोरया रे




गणेश जी की स्थापना की छोटी सी झलक : यहाँ देखें👉 विडियो

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तो प्रेम से बोलिए! हृदय से बोलिए! मन से बोलिए!
" प्रथम पुज्य श्री गणेश जी की जय "
" विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की जय "
" श्री लम्बोदर महराज की जय "
" श्री एकदन्ताय नम:"
" सभी देवी-देवताओं की जय "
" सनातन धर्म की जय "
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कब होगा गणेश जी का विसर्सन?

सर्वप्रथम गणेश जी के आने की खुशी मनाएं,  जाने के विषय में बाद में बात करेंगे। इन 10 दिनों में भगवान से मनचाहे वरदान मांगे, घर में सुख समृद्धि तथा सौभाग्य की कामना करें, प्रभु की सेवा करें और आनंद मगन रहें।

विसर्जन एक महत्वपूर्ण विषय है जिस पर हम अलग से एक लेख आप सबके लिए प्रस्तुत करेंगे।





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